लॉजिक्स इंडिया के दूसरे संस्करण में आयात-निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने पर जोरः फियो

गीस क्षेत्र के महत्व और निर्यातकों के शीर्ष संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) ने देश के आयात-निर्यात कारोबार को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए वैश्विक लॉजिस्टिक की लागत कम करने पर जोर दिया है। फियो के अधिकारियों का कहना है कि 2030 तक देश को 10 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में विकसित लाजिस्टिक्स क्षेत्र की प्रमुख भूमिका होगी। फियो ने कहा है कि भारत में इस क्षेत्र में निवेश की संभावनओं को उजागर करने के लिए 'लॉजिक्स इंडिया शिखर सम्मेलन का दूसरा संस्करण अगले सप्ताह राजधानी में आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन 12 से 14 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें 300 से टक्स है। इसमें 300 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और घरेलू लॉजिस्टिक्स कंपनियां भाग लेंगी। फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा कि फियो भारत के लिए एक कुशल लॉजिस्टिक इको-सिस्टम बनाने के लिए सभी प्रकार के प्रयास कर रहा है। उन्होंने एक बयान में कहा है , एक क्षमतावान लॉजिस्टिक प्रणाली से वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने तथा व्यापार की सुविधा और उनके विकास के अवसर मिलते हैं। इससे न केवल लागत में कमी आती है बल्कि जवाबदेही भी बढ़ती है।


फियो के महानिदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अजय सहाय ने कहा, भारत परिवहन की गुणवत्ता और लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रकर की गुणवत्ता में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। इसके साथ नियामक प्रक्रियाओं की दक्षता, माल की आवाजाही की सुरक्षा, प्रतिस्पर्धी कीमतों पर लॉजिस्टिक सुविधा, सेवाओं की गुणवत्ता आदि में भी उल्लेखनीय प्रगित हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत को 2032 तक 10 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए बुनियादी ढांचे पर अपने वार्षिक खर्च को लगभग दोगुना करके 200 अरब डॉलर के स्तर पर ले जाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही पर्याप्त निजी निवेश की मदद से एक मजबूत और लचीले लॉजिस्टिक की बुनियादी संरचना की आवश्यकता है।